बालिका प्रकल्प |
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छात्राओं के सर्वांगीण विकास हेतु विद्याभारती की योजनानुसार पंचमुखी शिक्षा की व्यवस्था |
- बोर्ड एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में श्रेष्ठ परिणाम।
- स्वच्छ, सुन्दर एवं आधुनिक साजसज्जा से युक्त सूर्यकुण्ड परिसर में अपना भवन।
- सुयोग्य एवं संस्कारित आचार्याओं द्वारा नवीन मनोवैज्ञानिक विधियों को माध्यम से अध्यापन।
- निर्धारित एवं नियमित गृहकार्य की व्यवस्था।
- छात्राओं के सर्वांगीण मूल्यांकन हेतु "सतत् मूल्यांकन पद्धति" (C.C.E.) का प्रयोग।
- सभी छात्राओं के लिए खेलकूद की उत्तम व्यवस्था।
- स्वाध्याय हेतु एक वृहत् पुस्तकालय एवं वाचनालय।
- संस्कारक्षम वातावरण निर्माण की दृष्टि से जीवन में दैनन्दिन संस्कारों पर बल।
- सामाजिक एवं भौगोलिक ज्ञानार्जन हेतु देशदर्शन यात्रा, ऐतिहासिक स्थलों के दर्शन, वन-विहार,
छात्रा शिविर एवं शैक्षिक प्रदर्शनी आदि के आयोजन की व्यवस्था।
- अपनी मातृभूमि, संस्कृति, धर्म, परम्परा एवं महापुरुषों के सम्बन्ध में ज्ञान प्राप्त करने हेतु संस्कृति ज्ञान परीक्षा की व्यवस्था।
- छात्राओं के समुचित विकास की जानकारी हेतु आचार्य एवं अभिभावक सम्पर्क तथा आवश्यकतानुसार
अभिभावक सम्मेलन या अभिभावक गोष्ठी की व्यवस्था।
- विद्यालय के प्रबन्ध समिति में शिक्षाविद्, अभिभावकों, समाजसेवी व्यक्तियों तथा आचार्याओं का
प्रतिनिधित्व।
- केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुसार विषय।
- नवम/दशम: हिन्दी, संस्कृत, अँग्रेजी, गणित, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, सामाजिक विज्ञान, वाणिज्य, कम्प्यूटर विज्ञान ।
- एकादश (XI) / द्वादश (XII): हिन्दी, संस्कृत, अँग्रेजी, भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, गणित, जीव विज्ञान, व्यावसायिक अध्ययन, बहीखाता, कम्प्यूटर विज्ञान व अर्थशास्त्र।
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